करेला खाने के फायदे | करेले के जूस के 21 फायदे | करेला खाने के लाभ

करेले की प्रकृति या तासीर गर्म और खुश्क होती है। करेला दो किस्म का होता है एक बड़ा करेला और छोटा करेला। बड़े करेले की अपेक्षा छोटा करेला अधिक गुणकारी होता है। कच्चा, हरा ,छोटे साइज़ का करेला अधिक गुणकारी होता है इसलिए जूस या सब्जी बनाने में इसी का उपयोग करना चाहिए ।हरा करेला पके हुए सफेद पीले रंग के करेले की अपेक्षा ज्यादा लाभदायक है इसलिए हमेशा हरे रंग के करेले का ही उपयोग करना चाहिए

 करेले के बेहतरीन स्वास्थ्य वर्धक गुणों के अलावा एक और खास बात यह है की इसको सुखाकर रखने पर भी इसके औषधिय गुण नष्ट नहीं होते हैं।  करेला भूख और पाचनशक्ति को भी बढ़ाता है करेले के जूस , उबालकर, सेंककर, सब्जी और अचार आदि बनाकर सेवन किया जा सकता है

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1 करेले को प्राकर्तिक रूप में ही खाना चाहिए इसमें किसी प्रकार की अन्य चीज को नहीं मिलाना चाहिए ,अगर आपके इसके सभी गुणों का लाभ उठाना चाहते है तो। क्योंकि काफी लोग करेले का कड़वापन दूर करने के लिए इसे छीलकर, काटकर, नमक लगाकर धो- कर खाने का प्रयास करते हैं। इस प्रकार से खाए जाने वाले करेले के सभी गुण निकल जाते हैं | करेले का कड़वेपन ही रोगों को दूर भगाता है,

 2 इस प्रकार से खाए जाने वाले करेले के सभी गुण निकल जाते हैं | करेले का कड़वेपन ही रोगों को दूर भगाता है करेले में फास्फोरस काफी मात्रा में पाया जाता है इसीलिए यह दाँत, मस्तिष्क, हड्डी, ब्लड और अन्य शारीरिक अंगो के लिए जरुरी फास्फोरस की पूर्ति करता है 60 ग्राम करेले के जूस में थोड़ा-सा पानी मिलाकर रोजाना कुछ दिनों तक सेवन करने से शरीर का दूषित रक्त साफ हो जाता है। इससे पाचनशक्ति, यकृत की शक्ति बढ़ती है।

4 सिरदर्द दूर करता है: करेले की ताजी पत्तियों को पीस कर माथे पर लगाने से सिरदर्द से आराम मिलता है

5. घाव ठीक करता है: घाव पर करेले के जड़ को पीस कर लगाने से घाव पक जाता है और मवाद भी निकल जाता है.

6 इससे घाव जल्दी ठीक हो जाता है. अगर आपके पास करेले का जड़ नहीं है तो इसकी पत्तियों को पीस कर गर्म करके पट्टी बांध लें. इससे फोड़ा पक जाएगा और पस भी निकल जाएगी.

 

 

करेले के 15 पत्ते धोकर छोटे-छोटे टुकड़े करके एक गिलास पानी में उबालें। आधा पानी रहने पर इसे छान कर पीने से रक्त साफ होता है| करेले में इन्सुलिन पर्यात मात्रा में होता है। यह इन्सुलिन यूरिन एवं रक्त दोनों ही की शुगर को नियंत्रित रखने में समर्थ है।

 

 

शुगर पीड़ित रोगी को 15 मी.ली करेले के जूस 100 मि.ली पानी में मिलाकर रोजाना तीन बार करीब तीन महीने तक पिलाना चाहिए। खाने में भी करेले की सब्जी बिना छिलका उतारे ही खानी चाहिए |

मधुमेह के रोगी को करेला तथा मेथीदाना का प्रयोग रोजाना नियम से करना चाहिए। 4 करेलों का जूस निकाल कर उसे प्रतिदिन प्रात: पीना चाहिए।

मधुमेह में करेला चार महीनो तक लें। मधुमेह में करेले का रस खाली पेट ग्रहण करें। मधुमेह में बतायेनुसार करेले के सेवन से रक्त भी साफ होता है।

 


 

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